बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रानी मुखर्जी के लिए 23 सितंबर का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्हें उनकी हालिया फिल्म "मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे" में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। इस अवसर पर, उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के सत्र "क्वीन ऑफ रीइन्वेंशन: नेशनल अवॉर्ड टू मदरहुड, विनिंग इट ऑल" में भाग लिया। आइए जानते हैं कि उन्होंने इस समारोह में क्या कहा।
अभिषेक या अमिताभ के साथ काम करना?
जब रानी मुखर्जी से पूछा गया कि अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन में से किसके साथ काम करना आसान है, तो उन्होंने तुरंत कहा, "अमिताभ बच्चन के साथ काम करना ज्यादा सरल है। वह अपने सह-कलाकारों को काफी स्वतंत्रता और स्पेस देते हैं। उनसे मुझे सेट पर बहुत कुछ सीखने को मिलता है।"
अभिषेक बच्चन के बारे में रानी ने कहा कि वह बहुत शरारती हैं और सेट पर बच्चों की तरह मस्ती करते हैं।
अभिषेक के साथ काम करने का अनुभव
रानी ने आगे कहा, "अभिषेक और मैंने साथ में काफी समय बिताया है। उनके साथ काम करना भी आसान है।" उन्होंने बंटी बबली के अलावा 'लागा चुनरी मैं दाग', 'कभी अलविदा न कहना' और 'बस इतना सा ख्वाब है' जैसी फिल्मों में भी साथ काम किया। रानी ने अभिषेक के साथ काम करने के अनुभव को शानदार बताया।
कुछ कुछ होता है का जिक्र
इस सत्र के दौरान, जब रानी को फिल्म कुछ कुछ होता है का एक दृश्य दिखाया गया, तो उन्होंने कहा, "भगवान का शुक्र है कि यह फिल्म बनी। करण जौहर का धन्यवाद कि उन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए चुना। लोग इसे तीन दशकों से नहीं भूले हैं। जब शाहरुख और मुझे पुरस्कार मिला, तो लोगों को राहुल और टीना याद आ गए। ये किरदार आज भी हमारे मन में ताजा हैं।"
जब रानी से पूछा गया कि क्या मल्टी-स्टारर फिल्म में काम करना आसान होता है, तो उन्होंने उत्तर दिया, "एक कलाकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना और अपने किरदार के साथ न्याय करना। किसी भी फिल्म में कहानी से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता। हमें फिल्म पर विश्वास होना चाहिए।"
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